नई दिल्ली. छोटे कारोबारियों के फाइनेंशियल इनक्लूजन के लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को मुद्रा बैंक लॉन्च कर दिया। इससे अब छोटे कारोबारियों को 10 लाख रुपए तक का कर्ज मिल सकेगा। मुद्रा बैंक का गठन वैधानिक संस्था के रूप में किया जाएगा। अभी यह सिडबी की सब्सिडियरी की तरह काम करेगा। मुद्रा बैंक शुरू होने से छोटे कारोबारी, स्वयं सहायता समूह, छोटी माइक्रो फाइनेंस कंपनियों, एनबीएफसी और ट्रस्ट आदि को सस्ता कर्ज मिलने का रास्ता आसान हो गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बैंक को लॉन्च करते हुए कहा कि मुद्रा बैंक का लक्ष्य ऐसे छोटे कारोबारियों को फंड मुहैया कराना है, जिन्हें कारोबार शुरू करने के लिए पूंजी नहीं मिल पाती थी। मोदी ने कहा कि देश में बचत की आदत को मजबूत बनाने की जरूरत है।
5.75 करोड़ से ज्यादा हैं छोटे कारोबारी
देश में इस समय 5.75 करोड़ से ज्यादा छोटे कारोबारी हैं, जो अभी भी परंपरागत रूप से कारोबार कर रहे हैं। साथ ही उनकी पहुंच बैंकों तक नहीं है। नए बैंक के प्रारूप को तैयार कर लिया गया है। माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी (मुद्रा बैंक) माइक्रो सेक्टर के तहत आने वाले कारोबारियों को कर्ज मुहैया करेगा।
तीन तरह के प्रोडक्ट और अन्य ऑफर
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत बनाए गए मुद्रा बैंक की ओर से माइक्रो बिजनेस और यूनिट को कर्ज देने के लिए रीफाइनेंस की सुविधा देगा। शुरुआती प्रोडक्ट और योजनाएं तैयार हो गई हैं। इनका नाम ‘शिशु’, ‘किशोर’ और ‘तरुण’ रखा गया है। इन तीनों प्रोडक्ट के तहत माइक्रो यूनिट, आंत्रप्रिन्योर की फंडिंग जरूरतों को पूरा लिया जाएगा।
- शिशु प्रोडक्ट के तहत 50,000 रुपए तक का कर्ज दिया जाएगा।
- किशोर प्रोडक्ट के तहत 50,000 रुपए से लेकर 5 लाख रुपए तक का कर्ज दिया जाएगा।
- तरुण प्रोडक्ट के तहत 5 लाख रुपए से लेकर 10 लाख रुपए तक का कर्ज दिया जाएगा।
किसे मिल सकता है लोन का फायदा
ग्रामीण और शहरी इलाकों में छोटे मैन्युफैक्चरिंग यूनिट, दूकानदारों, फल एवं सब्जी विक्रेता, हेयर कटिंग सलून, ब्यूटी पार्लर, ट्रांसपोर्टस, ट्रक ऑपरेटर्स, हॉकर्स, को-ऑपरेटिव संगठन, फूड सर्विस यूनिट्स, रीपेयर शॉप, मशीन ऑपरेटर्स, स्मॉल इंडस्ट्रीज, आर्टिस्ट, फूड प्रोसेसर्स, सेल्फ हेल्प ग्रुप, प्रोफेशनलस और सर्विस प्रोवाइडर्स आदि को 10 लाख रुपए तक का लोन दिया जा सकता है।
कर्ज देने के अलावा और क्या करेगा काम
मुद्रा बैंक माइक्रोफाइनेंस संस्थाओं (एमएफआई) के पंजीकरण उनके रेगुलेशन का काम करेगा। इसके अलावा एमएफआई की रेटिंग का जिम्मा भी मुद्रा बैंक के पास होगा। साथ ही माइक्रो सेक्टर के कारोबारियों के लिए बनने वाले क्रेडिट गारंटी स्कीम की रूपरेखा तैयार करने के साथ-साथ उसे चलाने की भी जिम्मेदारी मुद्रा बैंक की होगी।
शुरू में पेश किए जा रहे उत्पाद
भूमि परिवहन, समुदाय, सामाजिक और व्यक्तिगत सेवाएं, खाद्य उत्पाद तथा वस्त्र उत्पाद क्षेत्र में व्यवसाय गतिविधियां के लिए विशिष्ट योजनाएं बनाई जाएंगी। अन्य क्षेत्रों में इसी प्रकार की योजनाएं शामिल की जाएंगी।
> सूक्ष्म ऋण योजना (एमसीएस)
> क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी)/ अनसूचित सहकारी बैंकों के लिए पुनर्वित्त योजना
> महिला उद्यमी योजना
> व्यापारियों और दुकानदारों के लिए व्यवसाय ऋण
> मिशिंग मध्य ऋण योजना
> सूक्ष्म इकाइयों के लिए उपकरण वित्त
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