प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान के लिए अब तक कई कंपनियां कर चुकी हैं आर्थिक सहयोग
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फरियाद को स्वीकारते हुए इंडिया इंक ने स्वच्छ भारत अभियान के लिए 1000 करोड़ रूपए दिए हैं। प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान के लिए अब तक एलएंडटी, डीएलएफ, वेदांता, भारती, टीसीएस, अंबुजा सीमेंट्स, टोयोटा किरलोस्कर, मारूति, टाटा मोटर्स, कोका कोला, डाबर, रेसिक्ट बेंकेसर, आदित्य बिड़ला ग्रुप, अडानी, बायोकॉन, इंफोसिस, टीवीएव और कई अन्य कंपनियां आर्थिक सहयोग कर चुकी हैं।
स्वच्छ भारत के इस अभियान में गांवों में शौचालय बनवाना, लोगों के रहन सहन और बर्ताव में बदलाव लाने के लिए वर्कशॉप, वेस्ट मैनेजमेंट, वॉटर हाइजीन और सैनिटेशन जैसे प्रोजेक्ट शामिल हैं। इनमें से ज्यादा प्रोजेक्ट्स की जिम्मेदारी कंपनियों ने अपने कॉर्पोरेट सोशल रिसपॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) के तहत ली है, वहीं कुछ में पब्लिक प्राइवेट हिस्सेदारी भी है।
विशेष्ाज्ञों की मानें तो इससे कॉर्पोरेट हाउसिस को दोहरा फायदा हो रहा है। एक तरफ तो सीएसआर में अनिवार्य 2 प्रतिशत निवेश का टार्गेट पूरा हो रहा है, दूसरी तरफ वे सरकार की नजरों में अपनी अहमियत भी बढ़ा रहे हैं। शुरूआत में कंपनियों के मालिकों ने झाड़ू उठाए और अपने कर्मचारियों को भी इस अभियान से जुड़ने को कहा। बाद में धीरे धीरे कंपनियों ने स्वच्छ अभियान के लिए प्रोजेक्ट्स डिजाइन करने शुरू कर दिए और इनके लिए अलग से बजट भी सुरक्षित कर दिया।
उदाहरण के लिए टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस (टीसीएस) और भारती फाउंडेशन ने स्कूलों में शौचालय बनाने के लिए 100 करोड़ रूपए का बजट सुरक्षित किया है। टीसीएस जहां देश भर के 10000 स्कूलों में छात्राओं के लिए सैनिटेशन की व्यवस्था करने की तैयारी कर रही है, वहीं भारती ने लुधियाना को गोद लिया है और इसे डिफेकेशन फ्री बनाने के लिए सरकार के साथ मिल कर काम कर रही है।
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